Shiv Sadhna
शिव जी हिंदू धर्म के त्रिमूर्ति देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ ही ब्रह्मा-विष्णु-महेश्वर त्रिमूर्ति का अवतार माने जाते हैं। शिव जी को ध्यान और तपस्या के देवता के रूप में जाना जाता हैं, जिन्हें महादेव भी कहा जाता है।
Shiv Sadhna – हिंदू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) को कल्याण का देवता माना जाता है। मान्यता है कि जहाँ भगवान शिव (Lord Shiva) की विधि-विधान से साधना-आराधना होती है, वहां शुभता और समृद्धि का वास होता है। महादेव की कृपा से उस घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और भगवान शिव के साधक
के जीवन में दुःख और दुर्भाग्य नहीं आता।
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शिव की साधना (Shiv Sadhna) सरल मानी जाती है। भगवान शिव मात्र जल और कुछ पत्तियां चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं, लेकिन उनकी पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम होते हैं जिन्हें हर शिव भक्त को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
भगवान शिव के साधक को पूजा करते समय दिशा का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
भगवान शिव (Lord Shiv) की मूर्ति या चित्र को कहीं भी किसी भी दिशा में न रखें, बल्कि घर के ईशान कोण में ही पूजा स्थान बनाकर उसमें पवित्रता के साथ रखें और दैनिक रूप से उनकी पूजा करें। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि शिव की मूर्ति या चित्र को कभी न तोड़ें और न ही उन्हें उलटा करें।
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शिव के साधक को शुभ मुहूर्त में उठकर नींद से उठकर उनकी पूजा करनी चाहिए और शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ करना चाहिए। शिव की पूजा में धूप, दीप, फल और पुष्प चढ़ाने के अलावा भगवान शिव को गंगाजल(Gangajal)से स्नान कराकर उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। साथ ही, शिव के उपासक को सदा निष्ठा और श्रद्धा के साथ अपनी साधना करनी चाहिए ताकि भगवान शिव (Lord Shiv) उन्हें सभी संकटों से बचाएं और उन्हें जीवन में समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करें।
यदि आप महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए:
- जब आप मंत्र का जाप (Mantra Jaap) कर रहे हों, तो हमेशा उन्हें प्रिय माने जाने वाले रुद्राक्ष की माला से ही जप करें। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव (Lord Shiv) की आंसुओं से हुई है और उन्हें धारण करने से जप का फल अधिक होता है। लेकिन याद रखें कि जो माला आप शिव के मंत्र के जाप के लिए उपयोग करते हैं, उसे कभी अन्य किसी के साथ नहीं साझा करना चाहिए।
- महादेव की साधना कभी भी जमीन पर बैठकर नहीं करना चाहिए। उनकी पूजा में शुद्ध आसन का प्रयोग करना चाहिए। यदि संभव हो तो आसन को एकाग्रता और शुद्धता के साथ संचालित करना चाहिए। अगर आप उनके आसन पर बैठना चाहते हैं, तो उनकी अनुमति लेनी चाहिए।
- जब आप मंत्र का जाप कर रहे हों, तो अपने ही माला का उपयोग करें और किसी दूसरे की माला का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- ध्यान रखें कि पूजा में हमेशा अपने ही आसन पर बैठना चाहिए और किसी अन्य व्यक्ति के साथ आसन साझा नहीं करना चाहिए। आसन को साफ सुथरा रखें और उसमें आस्था और श्रद्धा के साथ बैठें।
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- शिव की पूजा करते समय आपके मन में किसी भी दूसरे विचारों का विस्तार नहीं होना चाहिए। आपका मन शुद्ध और एकाग्र होना चाहिए।
- शिव की पूजा में उनकी प्रतिमा को शुद्ध करना चाहिए। प्रतिमा को साफ करने के लिए अलग से एक चम्मच और पानी का उपयोग करें। इसके अलावा, आप शिव को दूध, धूप, और दीप आदि भी अर्पित कर सकते हैं।
- ध्यान रखें कि शिव की पूजा में आपका उद्देश्य सिर्फ उन्हें प्रसन्न करना होता है। आप इससे कोई वापसी की अपेक्षा न करें या फलों की उम्मीद न रखें। शिव की पूजा और साधना केवल उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।
मंत्र सिद्ध होने पर क्या होता है ?
– Shiv Sadhna
- मंत्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है। मंत्र से किसी भूत या पिशाच को भी साधा जाता है। उसी तरह, मंत्र से किसी यक्षिणी और यक्ष को भी साधा जाता है। मंत्र जब सिद्ध हो जाता है तो उसे मात्र तीन बार पढ़ने से संबंधित मंत्र से जुड़े देवी, देवता या अन्य कोई आपकी मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं।
- ऐसे भी कई मंत्र होते हैं जिनमें किसी बाधा को दूर करने की क्षमता होती है। उन्हें जपने से वे बाधाएं दूर हो जाती हैं। ‘मंत्र साधना’ भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा है तो आप उस समस्या को मंत्र जप के माध्यम से हल कर सकते हैं।
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- मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं। लगातार अच्छी भावना और विचारों में रत रहने से जीवन में हो रही बुरी घटनाएं रुक जाती हैं और अच्छी घटनाएं होने लगती हैं। मंत्र साधना आपको अपने मन को शांत करने और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ने में मदद कर सकती है। यह आपको अपने जीवन के उद्देश्य और महत्वपूर्ण मामलों को समझने में मदद कर सकती है।
- ध्यान देने वाली बात यह है कि मंत्र साधना करने से पहले, आपको इसे ध्यान से सीखना चाहिए और इसे गुरु के निर्देशों के अनुसार करना चाहिए। इसके बिना, यह कार्य बेकार हो सकता है और आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
- सम्पूर्ण मंत्र साधना एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो आपको अपने आत्मा के साथ जुड़ने और अनंत शक्ति को प्राप्त करने में मदद कर सकती है। इसलिए, आपको ध्यान रखना चाहिए कि मंत्र साधना को सही तरीके से करने के लिए समय, स्थान और मन की शुद्धता की आवश्यकता होती है।
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Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
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