Mantra Jaap
सनातन धर्म में यह अनुशासन है कि मंत्रों के जाप से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। मंत्रों का उच्चारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है। मंत्र जाप से व्यक्ति को मानसिक शांति ही नहीं, बल्कि यह भी मदद करता है कि उनके बिगड़े कार्य भी सुधारे जा सकें।
कई बार लोग कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता हासिल नहीं कर पाते, जिससे उनमें निराशा की भावना पैदा होती है। ऐसे स्थिति में, अगर आप भी प्रति कदम हार का सामना कर रहे हैं, तो इन मंत्रों के जाप से आपको लाभ हो सकता है। आज हम आपको सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ प्रेरणादायक मंत्र प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनका उच्चारण आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
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इस मंत्र से दूर होंगे सभी कष्ट
“रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:”
इस मंत्र में प्रभु श्री राम की महिमा को बताया गया है। ऐसे में यदि आप सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद 108 बार इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे जीवन में आ रहे सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। आपको रोजाना इसी विधि से इस मंत्र का जाप करना हैं।
इस मंत्र से बनेगा हर काम
राम लक्ष्मणौ सीता च सुग्रीवों हनुमान कपि ।
पञ्चैतान स्मरतौ नित्यं महाबाधा प्रमुच्यते ।।
यह भी भगवान श्रीराम का मंत्र है। यदि आप किसी जरूरी काम के लिए जा रहे हैं, तो घर से निकलने से पहले इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी जरूरी काम बनने लगते हैं।
इस मंत्र से जागेगा भाग्य
ॐ ऐं श्रीं भाग्योदयं कुरु कुरु श्रीं ऐं फट्।।
इस मंत्र को भाग्यनोत्ति मंत्र कहा जाता है। क्योंकि ऐसा माना गया है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है। इस मंत्र का जाप अपनी श्रद्धा अनुसार 11, 21 या 51 बार नियमित रूप कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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मुझे किस मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए?
मंत्रों का जाप करके, व्यक्ति भगवान के आशीर्वाद से समृद्धि, सुख, और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति कर सकता है। कुछ प्रमुख मंत्रों में महा मृत्युंजय मंत्र, दुर्गा देवी मंत्र, और धन्वंतरि मंत्र शामिल हैं, जो क्रमशः भगवान शिव, देवी दुर्गा, और भगवान धन्वत्री से संबंधित हैं।
कौन सा मंत्र पावरफुल है?
भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र सबसे प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिवजी ने पहले ब्रह्माजी को इस मंत्र को अपने पांच मुखों से प्रदान किया था। वेदों और पुराणों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए “ॐ नमः शिवाय” का जप ही पर्याप्त है।
बुद्धि मंत्र क्या है?
“ॐ बुद्धिप्रदाये नमः”
इस मंत्र के जाप से बुद्धि में वृद्धि होती है। भगवान गणेश की पूजा के समय, इस मंत्र को कम से कम 108 बार उच्चारित करना चाहिए। मंत्र का जाप करने से पहले, भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और उन्हें मोदक, लाल गुलाब और दुर्वा से अर्पित करें। इसके बाद, घी का दीपक जलाएं और फिर मंत्र का जाप करें।
Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।