Lord Shiva Mantra : सावन मास के महीने में मंत्रों के जप की प्रथा वैदिक काल से ही हमारी प्राचीन भारतीय चिंतन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग रही है। मंत्रों का जप हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और कार्यों और मनोकामनाओं की सिद्धि में सहायक होता है।
“मंत्र” शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है “मन को एक तंत्र में बांधना“। इसका मतलब है कि जब हमारा मन किसी एक तंत्र में बंध जाता है, तो व्यक्ति की मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है और वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो जाता है।
गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की एक माला का जप करना श्रावण मास में अत्यंत शुभ माना जाता है।
( Lord Shiva Mantra
)
एक माला में 108 मनके होते हैं और इस तरह से एक-एक मनके को पार करते हुए आप बार-बार मंत्र बोलते हैं, जिससे मंत्र का जाप हो जाता है। इस प्रकार, 108 बार मंत्रों के जाप से हमारी आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है और हम अपने लक्ष्य या कामना की प्राप्ति की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
सावन मास में कई लोग हरिद्वार और अन्य तीर्थस्थलों से गंगाजल लेकर अपने प्रदेशों, गांवों या घर के आसपास के शिवालयों में Bhagwan Shiv का अभिषेक करते हैं। इस प्रकार, वे भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही, सावन मास में इन मंत्रों का नियमित जाप करने से भगवान शंकर अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
वैसे तो संस्कृत भाषा में लाखों मंत्र हैं जिनसे Bhagwan Shiv की स्तुति की जाती है, लेकिन हम यहां सामान्य और बहुत ही सरल मंत्रों की जानकारी दे रहे हैं जिन्हें आप पूरे सावन के महीने में या शिव पूजन के समय में जप सकते हैं, उच्चारण कर सकते हैं और अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
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Lord Shiva Mantra : भगवान शिव की आराधना का मूल और सबसे सरल मंत्र है ‘Om Namah Shivay’ अर्थात मैं अपने आराध्य भगवान शिव को नमन करता हूं। यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है और शिव भक्तों के बीच व्याप्त है। इस मंत्र का नियमित जप करने से शिव भक्ति में वृद्धि होती है और आत्मा को शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
दूसरा प्रमुख मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र। Mahamrityunjaya Mantra को प्रायः किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति पाने, मृत्यु के भय से मुक्ति पाने या शत्रु के भय से मुक्ति पाने के लिए जपा जाता है। इस मंत्र का नियमित उच्चारण करने से भगवान शंकर की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को संकट से बचाने में सहायता मिलती है। यदि आप पूरे सावन के महीने में इस Mahamrityunjaya Mantra की एक माला का जाप सुबह शिव पूजन के समय करेंगे, तो आपको किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति मिलने में सहायता प्राप्त होगी।
यहां दिए गए हैं महामृत्युंजय मंत्र के श्लोक:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है। कहा जाता है कि इस शक्तिशाली मंत्र के अखंड जप से मृत्यु भी दूर हो जाती है। ऐसी एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि इस मंत्र की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। यह कथा मैं यहां पाठकों की जानकारी के लिए बता रहा हूँ।
Lord Shiva Mantra : प्राचीन काल में हुए ऋषि मृकण्डु और उनके पुत्र मार्कंडेय की कथा को वर्णित किया है। यह कथा Bhagwan Shiv की महानता और उनकी प्रसन्नता को प्रकट करती है। भगवान शिव ने ऋषि मृकण्डु की तपस्या को स्वीकार किया और उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति का वरदान दिया।
यह वरदान अल्पायु वाले पुत्र के रूप में हुआ, जो उन्हें चिंतित कर दिया। हालांकि, मार्कंडेय की माता ने ऋषि को समझाया कि भगवान शिव ही उनके पुत्र की रक्षा करेंगे। जब मार्कंडेय की आयु 16 वर्ष पूरी हो गई, तो यमदूत आए लेकिन उन्हें प्राण लेने में असमर्थ रहे, क्योंकि मार्कंडेय भगवान शिव की स्तुति में लीन रहे थे।
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यमराज को यह देखकर विस्मित हुए और Bhagwan Shiv के पास जाकर इसे बताया। इस पर Bhagwan Shiv स्वयं उपस्थित हो गए और मार्कंडेय को उनके शिवलिंग के साथ जोड़ दिया। यह देखकर यमराज वापस चले गए और भगवान शिव ने मार्कंडेय को लंबी आयु का वरदान दिया। यह कथा भक्ति, तपस्या और देवत्व के प्रतीक के रूप में मान्य है और भगवान शिव की कृपा और प्रसन्नता को प्रदर्शित करती है। – Lord Shiva Mantra
रोग और शोक को दूर करने के लिए Shiv Mantra :
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
इस मंत्र का नियमित जप करने से आप शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक कष्टों को दूर कर सकते हैं। आप इस मंत्र का जप रुद्राक्ष माला की मदद से कर सकते हैं। याद रखें कि मंत्र जप करते समय आपकी माला किसी को न दिखे, इसलिए आप अपनी माला को गोमुखी में रख सकते हैं। यह मंत्र आपको स्वास्थ्य, सुख, और शांति की प्राप्ति में सहायता कर सकता है। -Lord Shiva Mantra
रोजी-रोजगार के लिए Shiva Mantra :
Lord Shiva Mantra : आप इस मंत्र का नियमित जप करके रोजी-रोजगार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आपको कम से कम एक माला इस मंत्र के जप के लिए समर्पित करनी चाहिए। नियमित और निष्ठापूर्वक जप करने से आपको अच्छी कामनाएं और आर्थिक वृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह मंत्र आपके संघर्षों को दूर करके सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि को आपके जीवन में लाने में सहायता कर सकता है। – Lord Shiva Mantra
विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय:प्राप्तिनिमित्ताय नम: सोमाद्र्धधारिणे।।
यदि आपको शिव के मंत्रों का पठन में कठिनाई होती है, तो आप उनके लिए अत्यंत सरल और पवित्र पंचाक्षरी मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र के जाप से मान्यता है कि बड़ी-बड़ी समस्याएं तत्काल ही दूर हो जाती हैं और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय।।
इस मंत्र को आप नित्य प्रतिदिन जाप कर सकते हैं और इसे स्मरण या बारम्बार बोलकर शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह मंत्र आपको अंतर्निहित शान्ति, स्थिरता और आनंद का अनुभव कराने में सहायता कर सकता है।
2 राशियों के अनुसार शिव मंत्र – Lord Shiva Mantra
मेष – Om Namah Shivay।।
वृष – ॐ नागेश्वराय नमः।।
मिथुन – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
कर्क – ॐ चंद्रमौलेश्वर नम:।।
सिंह – ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम:।।
कन्या – ॐ नमो शिवाय कालं ॐ नम:।।
वृश्चिक – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
धनु – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।
मकर – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
कुंभ – ॐ हौम ॐ जूँ स:।।
मीन – ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नम:।।
Lord Shiva Mantra : ये सरल मंत्र आपकी भक्ति और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के लिए बहुत प्रभावी हैं। आप इन मंत्रों का जाप किसी भी समय कर सकते हैं, चाहे आप जाग्रत अवस्था में हों, स्नान कर रहे हों, घूम रहे हों या किसी कार्य में लगे हों। इन मंत्रों का जाप करने से आपकी आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि होगी।
ॐ शंकराय नमः ।
ॐ महादेवाय नमः।
ॐ महेश्वराय नमः।
ॐ श्री रुद्राय नमः।
ॐ नील कंठाय नमः।
Om Mahadevaya Namah.
Om Maheshwaraya Namah.
Om Sri Rudraya Namah.
Om Neel Kanthaye Namah.
प्रतिदिन स्नान करने के बाद, जब आप अपने मंदिर या घर में स्थित मंदिर में बैठें, तो रुद्राष्टकम का पाठ अवश्य करें। इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा अपने उपासकों पर वर्षित करते हैं। रुद्राष्टकम में मुख्य रूप से 8 श्लोक होते हैं, इसलिए इसे रुद्राष्टक कहा जाता है। – Lord Shiva Mantra
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भगवान रुद्र को प्रसन्न करने के लिए 8 श्लोक :
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालं।
गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि।
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।
न यावत् उमानाथ पादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम्।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।
यदि आप ध्यान देंगे तो देखेंगे कि इस रुद्राष्टक की अंतिम 2 पंक्तियों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो उपासक इस रुद्राष्टक को प्रतिदिन महादेव को प्रसन्न करने के लिए पढ़ते हैं उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान महादेव उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। – Lord Shiva Mantra
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यह मंत्र आपको सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति की प्रार्थना करने के लिए सहायता करेगा। आप इस मंत्र का १०८ बार जाप कर सकते हैं:
ॐ नमः शिवाय॥
इस मंत्र का नियमित जाप करने से आपकी भक्ति मजबूत होगी और आपको आध्यात्मिक और भौतिक सुख-समृद्धि मिलेगी। माला के साथ जाप करने से मंत्र जाप का गणना आसानी से होगी। ध्यान रखें कि जप को संयमित, नियमित और समर्पित रूप से करें, और संकल्प बनाएं कि आप मंत्र की सामर्थ्यशाली ऊर्जा को स्वीकार कर रहे हैं।
यह भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से आपको आत्मिक आनंद, चैतन्य, शांति, सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति की कामना की जा सकती है। ध्यान और नियमितता के साथ इन मंत्रों का जाप करें और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपने कर्मों को समर्पित करें।
Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
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