Diwali Date 2023
Diwali Date 2023 : इस साल के दिवाली की तारीख पर लोगों में बड़ा उलझन हो रहा है, जैसे कि ‘दिवाली कब है?’ और ‘शुभ मुहूर्त क्या है?’ इन सभी प्रश्नों का उत्तर यहाँ पाया जा सकता है। इस दिन की पूजा कैसे करनी चाहिए? क्या विधि होती है? यह सब जानकारी निम्नलिखित है। दिवाली के दिन, माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
दीपावली एक प्रकार का अंधकार को दूर करने वाला, रोशनी का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस खास पर्व का सभी के द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जाता है। दिवाली पर, बच्चों से लेकर हर वर्ग के लोगों में एक विशेष उत्साह और आनंद देखा जा सकता है। हम सभी जानते हैं कि दीपावली महोत्सव का मूल इतिहास भगवान राम, देवी सीता, और लक्ष्मण के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के समर्थन में मनाया जाता है।
लेकिन इस उत्सव के पीछे का पूरा कहानी क्या है? इसका महत्व क्या है? 2023 की दीपावली तिथि क्या है? यह कब से शुरू होती है? शुभ मुहूर्त कब है? इन सब जानकारियों को आप इस लेख में विस्तार से पढ़ सकते हैं।
Diwali Celebration: दिवाली क्यों मनाई जाती है?
हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार, भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ लंका के राजा रावण को परास्त करने के बाद 14 वर्षीय वनवास पूरा किया था, और फिर उन्होंने अयोध्या वापस आने का निर्णय लिया। उनके आगमन पर अयोध्या नगरी ने दीपों से आलिंगन किया था, और इस आनंदोत्सव ने दिवाली का आयोजन किया।
दीपावली का यह उत्सव रोशनी के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है, जो 14 वर्षीय वनवास के बाद भगवान राम के घर वापसी की याद दिलाता है। इस घटना के बाद से हर साल दीपावली को अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
इसके अलावा, एक और पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी (लक्ष्मी माता) का जन्म हुआ था। इस कारणवश, दीपावली के पूजा-अर्चना के दौरान मां लक्ष्मी को विशेष महत्व दिया जाता है।
एक और कथा – श्री कृष्ण के हाथों नरकासुर का वध
एक और हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से असुर राजा नरकासुर का वध किया था। नरकासुर को एक श्राप मिला था कि उसका वध एक स्त्री द्वारा होगा। नरकासुर का वध हुआ था उस दिन, जिसमें कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। लोगों ने नरकासुर के आतंक और उत्पीड़न से मुक्ति प्राप्त की खुशी में दीपक जलाए थे, और इसके अगले दिन दिवाली का उत्सव मनाया गया था। इससे वह समय से दीपावली के त्योहार का आयोजन होने लगा।
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दिवाली क्या है (What Is Diwali)?
दिवाली का उत्सव प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह पांच दिनों तक का उत्सव होता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धन तेरस’ कहा जाता है, दूसरे दिन ‘छोटी दिवाली’ और फिर ‘नरक चतुर्दशी’ के बाद तीसरे दिन घर-घर में ‘लक्ष्मी जी की पूजा’ की जाती है। इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भाई दूज’ मनाए जाते हैं।
दिवाली कब मनाई जाती (Diwali Muhurat) है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली उत्सव मनाया जाता है। पुरानी कथाओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या के दिन माँ लक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आकर्षित होती हैं और घर-घर में विचरण करती हैं। इसी कारण से दीवाली के दिन घरों में दीपक जलाकर उन्हें आभा से रौंगत दिया जाता है। दीपावली का उत्सव पांच दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली का उत्सव सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
दीपावली कब (When Is Diwali) है?
दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, 2023 में कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को पड़ रही है। इस दिन, अमावस्या दोपहर 2:44 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे तक रहेगी। इसलिए, दिवाली की तारीख 12 नवंबर है।
2023 की दिवाली के शुभ मुहूर्त (Diwali 2023 Date)
लक्ष्मी पूजा का समय – शाम 05:39 – रात 07:35 (12 नवंबर 2023), अवधि – 1 घंटा 56 मिनट
प्रदोष काल – शाम 05:29 – रात 08:08
वृषभ काल – शाम 05:39 – रात 07:35
अमावस्या तिथि कब से कब तक है?
इस साल, अमावस्या की तिथि और दीपावली की तारीख 12 नवंबर को दोपहर 02:44 से शुरू होकर 13 नवंबर को दोपहर 02:56 बजे तक रहेगी।
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दीपावली 2023 निशिता काल मुहूर्त (Diwali 2023 Night Puja muhurat)
विद्वानों के अनुसार, दीवाली के त्योहार पर मां लक्ष्मी की पूजा मध्यरात्रि, यानी निशित काल के मुहूर्त में भी की जाती है। धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए इस दीवाली मुहूर्त को सबसे शुभ माना जाता है। इस समय पर देवी लक्ष्मी घर-घर में विचरण करती है और अपनी कृपा की वर्षा करती है।
लक्ष्मी पूजा – 12 नवंबर 2023, रात 11:39 से 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32 तक (अवधि – 53 मिनट)
सिंह लग्न – 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:10 से प्रात: 02:27 तक
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लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2023 Choghadiya Muhurat)
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 02:44 – दोपहर 02:47 बजे (12 नवंबर 2023)
सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – शाम 05:29 – रात 10:26 बजे (12 नवंबर 2023)
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – प्रात: 01:44 – प्रात: 03:24 बजे (13 नवंबर 2023)
उषाकाल मुहूर्त (शुभ) – प्रात: 05:06 – 06:45 बजे (13 नवंबर 2023)
दिवाली की तैयारी पूरे जोर-शोर से कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाती है। इस दौरान लोग अपने घर की अच्छे से सफाई करते हैं। पूरे परिवार मिलकर मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना करते हैं। इस समय Diwali की सजावट का खास ध्यान रखा जाता है।
FAQ: Diwali Date 2023 पर पूछे जाने वाले सवाल
2023 में दिवाली (दीपावली) महोत्सव के अवसर पर उपलब्ध जानकारी का पुनर्वचन करते हुए:
- 2023 में दिवाली (दीपावली) का समय क्या है?
2023 में दीपावली के लिए, लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ समय) 12 नवंबर को शाम 05:40 बजे से शाम 07:36 बजे तक 1 घंटा 56 मिनट का है।
- 2023 में दिवाली (दीपावली) के 4 दिन कौन से हैं?
2023 में दीपावली के 4 दिन निम्नलिखित हैं:
- छोटी दिवाली – शनिवार, 11 नवंबर 2023, चतुर्दशी
- दीपावली तिथि 2023 (लक्ष्मी पूजा) – रविवार, 12 नवंबर 2023, अमावस्या
- गोवर्धन पूजा – मंगलवार, 14 नवंबर 2023, प्रतिपदा
- भाई दूज – बुधवार, 15 नवंबर 2023, द्वितीय
- दिवाली या दीपावली क्या होती है?
दिवाली को दीपावली, दीवाली, दीपावली, दीपावली या रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है। दीपावली महोत्सव प्रत्येक वर्ष अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है और यह करीब पांच दिनों तक चलता है। इस महोत्सव में दीपों के दीपक अक्सर उजाले की स्ंक्ति के रूप में जलाए जाते हैं।
- दिवाली कितनी प्राचीन है?
इसकी संभावित प्रारंभिकता है कि दीपावली का उत्सव भारत में 2,500 साल से अधिक पुराने उत्सवों का आदान-प्रदान है। इसका प्रमुख स्रोत पद्म पुराण और स्कंद पुराण जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में पाया जाता है।
Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
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