Panch Mukhi Rudraksha
रुद्राक्ष को महादेव का एक अंश माना जाता है। इसको कालाग्नि का भी रूप माना जाता है, जो कि स्वयं रुद्र है। मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। यही कारण है कि इसके धारण को शुभ माना जाता है। ज्योतिष में रुद्राक्ष के कई प्रकार बताए गए हैं, उनमें से एक है पंचमुखी रुद्राक्ष।
कहा जाता है कि पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने से पंचब्रह्म की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पंचब्रह्म में भगवान गणेश, भगवान शिव, शक्ति (देवी), भगवान विष्णु, और सूर्य देव शामिल हैं। चलिए, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष का धारणा कब शुभ होता है और इसका महत्व और लाभ क्या है।
तीन मुखी रुद्राक्ष : 3 Mukhi Rudraksh Benefits in Hindi
पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व | Importance of panch mukhi rudraksha
पंचमुखी रुद्राक्ष की सतह पर 5 प्राकृतिक रेखाएं उभरी हुई होती हैं, जिन्हें हम इसके ‘मुख’ के रूप में जानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस रुद्राक्ष के अधिपति (देवता) भगवान कालाग्नि हैं, जो भगवान शिव का एक रूप माने जाते हैं। यह प्रकृति में सबसे अधिक प्राप्त होने वाला रुद्राक्ष माना जाता है।
कहा जाता है कि जो कोई इसे विधि-विधान से धारण करता है और इसके नियमों का पालन करता है, वह बुरे कर्मों से दूर रहता है, जो कि दैवीय शक्तियों के प्रभाव के कारण होता है। साथ ही, इस रुद्राक्ष को पहनने वाला शुद्ध और मानसिक रूप से शांत होता है। कहा जाता है कि पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को यश, प्रसिद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ
शिव पुराण के अनुसार, पंचमुखी रुद्राक्ष में पांच रेखाएं होती हैं, जिन्हें पंचदेवों का प्रतीक माना जाता है। इसके कारण, इसका धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। अगर किसी की जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ या नीच अवस्था में स्थित है, तो उन्हें पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण करने का सुझाव भी दिया जा सकता है। इसके साथ ही, इसके धारणा से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और सफलता का अहसास होता है। विशेष रूप से, पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण करने से मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी, और अनिद्रा जैसे स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है।
- मानसिक शांति: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विधिवत पंचमुख रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है, और अनावश्यक मानसिक चिंता और तंत्राट्मक विचलन से बचाव होता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति में मदद मिलती है, जो आध्यात्मिक विकास और सद्गुण की वृद्धि में मददगार साबित होती है।
- धन और समृद्धि: ज्योतिष के जानकार पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन और समृद्धि पाने के लिए सलाह देते हैं, और व्यक्ति के आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- अकाल मृत्यु से सुरक्षा: कहा जाता है कि जो कोई पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सकता है, यानी यह कवच का काम करता है और व्यक्ति को आपत्तियों से बचाता है।
- बृहस्पति के प्रभाव से बचाव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचाव होता है और व्यक्ति को ग्रहों की अशुभ प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।
- शादीशुदा जीवन में सुख-शांति: पंचमुखी रुद्राक्ष शादीशुदा जीवन में सुख-शांति लाने में मददगार साबित होता है और विवाहित जीवन में समृद्धि और खुशियाँ आती हैं।
2 Mukhi Rudraksh Benefits : 2 मुखी रुद्राक्ष लाभ
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि
शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को धारण करने के लिए श्रावण मास को सबसे उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, आप सोमवार, पंचमी तिथि, और मासिक शिवरात्रि के दिन भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। पूर्व में, रुद्राक्ष को धारण करने से पहले, आपको भगवान शिव की प्रतिमा के सामने दीपक जलाना और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। इसके बाद, 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए “ऊं ह्रीं क्लीं नम:” मंत्र का जप करें। साथ ही, शिवलिंग को स्पर्श करके रुद्राक्ष को धारण करें। इस विधि से धारण करने पर आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा। ध्यान दें कि रुद्राक्ष धारण करते समय किसी भी श्मशान, कब्रिस्तान और इस तरह की स्थलों पर जाना नहीं चाहिए।
पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए?
पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले, व्यक्ति को अपने शरीर और मन का शुद्धिकरण करना महत्वपूर्ण होता है। रुद्राक्ष को पहनने से पहले, मांस मदिरा के सेवन पर नियंत्रण लागू करना चाहिए, और अपने मन को भगवान के ध्यान में लगाना चाहिए। साथ ही, रुद्राक्ष को धारण करने के बाद भी, नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
FAQ: 5 मुखी रुद्राक्ष के बारे में पूछे जा रहे सवाल :
- What is the benefit of 5 Mukhi Rudraksha?
मुखी रुद्राक्ष मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है और ध्यान को बढ़ावा देता है। इसका धारण करने वाले व्यक्ति को आत्मविश्वास मिलता है और तनाव से मुक्ति प्राप्त होती है। यह संतान सुख, समृद्धि और धन की वरदान माना जाता है और बुराइयों से बचाव करता है। इसका धारण करने से रोगों की रोकथाम और उनके इलाज में भी मदद मिलती है। यह आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शक्ति को बढ़ावा देता है और जीवन को सुखमय बनाने में मदद करता है।
- Who can wear Panch Mukhi Rudraksha?
पाँच मुखी रुद्राक्ष को किसी भी आयु और जाति के व्यक्ति द्वारा पहना जा सकता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण धारणा है कि यह रुद्राक्ष विशेष तौर पर अकेले व्यक्तियों के मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और आत्मा के विकास को प्रोत्साहित करता है। यह शांति और ध्यान में सहायक होते हैं और धारक को अधिक ऊर्जा और शक्ति प्रदान कर सकते हैं। पाँच मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले लोग यह मानते हैं कि इसके धारण करने से खुशियाँ, धन, और समृद्धि प्राप्त होती हैं।
- What is the rule of 5 Mukhi Rudraksha?
5 मुखी रुद्राक्ष का नियम अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस रुद्राक्ष को प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति को इसे पूरी श्रद्धा और ईमान के साथ पहनना चाहिए। इसका उपयोग मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने, मन को शांति और संतुलन प्रदान करने, और ध्यान को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह रुद्राक्ष व्यक्ति को सुख, धन, और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक हो सकता है, और इसका धारण करने से व्यक्ति को आत्मा का सांचा मिल सकता है। इसलिए, 5 मुखी रुद्राक्ष का पालन करना आत्मिक और भौतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- Who is the god of 5 Mukhi Rudraksha?
पाँच मुखी रुद्राक्ष का देवता भगवान शिव होते हैं। इसका महत्व भगवान शिव के प्रत्यक्ष आवागमन के साथ जुड़ा है, और यह पाँच मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव की अनुभूति और आशीर्वाद के रूप में माना जाता है। इसके पाँच मुख प्रत्येक मुख को प्रतीक करते हैं जो शिव के पांच मुखों को सूचित करते हैं – आत्मा, मन, शरीर, ज्ञान, और ध्यान। यह रुद्राक्ष धारक को शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और भगवान शिव की कृपा के साथ आत्मा के सवारी के रूप में सहायता करता है।
- What are the side effects of 5 Mukhi Rudraksha?
5 मुखी रुद्राक्ष के कोई खास दुष्प्रभाव नहीं माने जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसके पहनने से कुछ सामान्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि त्वचा के अलर्जी या खुदरा होना। ध्यान देने वाली बात है कि रुद्राक्ष को धूप, धूम्रपान, या अन्य किसी दुर्गंधित पदार्थ के साथ न रखें, क्योंकि इससे इसकी स्थिति प्रभावित हो सकती है। अगर आपको किसी प्रकार की तकलीफ या संकेत महसूस होता है, तो सबसे अच्छा होता है कि आप इसे पहनना बंद करें और एक विशेषज्ञ या धार्मिक गुरु से परामर्श प्राप्त करें।
- Which chakra is 5 Mukhi for?
5 मुखी रुद्राक्ष प्रायः मूलाधार चक्र के लिए उपयुक्त होता है, जो मुलाधार या बुढ़ापे की चक्र के रूप में भी जाना जाता है। यह चक्र मूल आधारों, सुरक्षा, और समृद्धि के साथ जुड़ा होता है, और 5 मुखी रुद्राक्ष इसके संतुलन को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह रुद्राक्ष धारक को आत्मविश्वास में वृद्धि, स्वास्थ्य में सुधार, और आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर करने में मदद कर सकता है, जिससे उनका जीवन संतुलित और अधिक समृद्ध हो सकता है। इसके अलावा, यह रुद्राक्ष शरीर के तंत्रिका तंतुओं को संतुलित करने में भी मदद कर सकता है और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
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