7 Mukhi Rudraksha : – रुद्राक्ष शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “शिव की आंख”। इसे हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे धारण करने के आदिकाल से चलन प्रमाणित है। रुद्राक्ष के मान्यताओं के अनुसार, इसका धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होता है।
रुद्राक्ष को शिव जी की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है और इसे मनोकामनाओं की प्राप्ति, सुख-शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि, रक्षा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोग किया जाता है।
रुद्राक्ष क्या होता है ?
रुद्राक्ष एक प्राकृतिक मणि (बीज) होती है जो कि हिमालय क्षेत्र में पायी जाती है। यह वृक्ष की बीजों से बनी होती है और वृक्ष का वैज्ञानिक नाम “Elaeocarpus ganitrus” है। रुद्राक्ष के बीजों की गहरी भूरी रंगत होती है और उन पर विभिन्न मुख्यतः पंचवक्त्री मुख दिखाई देते हैं। इन मुखों की संख्या 1 से 21 तक होती है।
रुद्राक्ष को वैदिक धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे धारण करने से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ मिलने का माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, स्थायित्व, मनोवैज्ञानिक स्थिरता, ध्यान एवं मेधा शक्ति में सुधार होता है, और उसे नकारात्मक ऊर्जा एवं आपदा से बचाने की क्षमता मिलती है
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- 7 Mukhi Rudraksha का महत्त्व :-
सात मुखी रुद्राक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक उपकरण है। इस रुद्राक्ष के सात मुख होते हैं जो कि इसे अन्य रुद्राक्षों से अलग बनाते हैं। इस लेख में, हम सात मुखी रुद्राक्ष से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी देंगे।
सात मुखी रुद्राक्ष का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसे प्राप्त करने से मनुष्य को समस्त दोषों से मुक्ति मिलती है और वह शुभ फलों की प्राप्ति के लिए समर्थ होता है। इस रुद्राक्ष का धारण करने से शब्द शक्ति, बुद्धि, ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने से मनुष्य की जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है और उसे उच्चतम धार्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समर्थ बनाता है।
- 7 Mukhi Rudraksha पहनने के फायदे
- सात मुखी रुद्राक्ष के गुणों में से एक है इसकी रक्षा शक्ति। इस रुद्राक्ष का धारण करने से व्यक्ति को भय, दुख, तनाव और अन्य नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलती है। यह रुद्राक्ष आपके व्यक्तित्व को स्थायी करता है और आपको अपनी ज़िम्मेदारियों का जवाब देने में सक्षम बनाता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष को विभिन्न रोगों के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है। इस रुद्राक्ष को अधिकतर पाचन तंत्र संबंधी रोगों, स्नायु रोगों और मनोरोगों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इस रुद्राक्ष का उपयोग भय, चिंता और तनाव से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष का वास्तविक मूल्य विभिन्न तत्वों से निर्भर करता है। इसकी मूल्य की गणना उसके गणत्वों, वजन और गुणवत्ता पर आधारित होती है। यह रुद्राक्ष भारत में उपलब्ध होती है और इसकी कीमत कुछ सौ रुपये से लेकर कुछ हजार रुपये तक होती है।
- सात मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करने से पहले, आपको इसके उपयोग से जुड़े सभी संभव फायदे और उपयोग के विवरणों को समझना चाहिए। इसे धारण करने से पहले, आपको एक विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए ताकि आप इसके उपयोग से जुड़ी किसी भी समस्या से बच सकें।
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7 Mukhi Rudraksha की धारण विधि
- सबसे पहले, एक प्रशांत और शुद्ध स्थान पर बैठें।
- अपने दायें हाथ के अंगूठे को देखें।
- अब, 7 मुखी रुद्राक्ष को अपने दायें हाथ के अंगूठे पर रखें।
- अपने बायें हाथ के अंगूठे को इसके ऊपर रखें ताकि यह मणि अपने स्थान पर सुरक्षित रहे।
- अब, ध्यान केंद्रित करें और मन में अपने इष्ट देवता का ध्यान करें।
- मन में एक संकल्प बनाएं कि आप इस रुद्राक्ष को स्वस्थ्य, समृद्धि और सुख के लिए धारण कर रहे हैं।
- अब, मंत्र का जाप करें – “ॐ हुं नमः” यह मंत्र स्वयंपालन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। आप इस मंत्र को १०८ बार या ज्यादा जप सकते हैं।
- इसके बाद, रुद्राक्ष को धारण करते समय ध्यान रखें कि आपकी आवाज़ की उच्चारण कोई और न सुने।
यहां ध्यान देने योग्य बात है कि रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से धारण की जाती है और यह आपके मन, शरीर और आत्मा को शांति और समृद्धि देने का मान्यता से कहा जाता है। ध्यान दें कि यह विधि आपकी आध्यात्मिक और धार्मिक आस्था के आधार पर है, इसलिए इसे नियमित और समर्पित रूप से अनुसरण करें।
किस राशि के लिए कौनसा रुद्राक्ष है बेहद फायदेमंद :
रूद्राक्ष राशि के आधार पर जातकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यहां कुछ राशियों और उनके लिए संबंधित रूद्राक्ष के बारे में जानकारी दी गई है:
- मेष राशि (Aries): मेष राशि के जातकों के लिए पंचमुखी रूद्राक्ष (पंचमुखी गणेश रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- वृषभ राशि (Taurus): वृषभ राशि के जातकों के लिए दसमुखी रूद्राक्ष (दसमुखी विष्णु रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- मिथुन राशि (Gemini): मिथुन राशि के जातकों के लिए द्वादशमुखी रूद्राक्ष (द्वादशमुखी सूर्य रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- कर्क राशि (Cancer): कर्क राशि के जातकों के लिए एकादशमुखी रूद्राक्ष (एकादशमुखी हनुमान रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- सिंह राशि (Leo): सिंह राशि के जातकों के लिए बारहमुखी रूद्राक्ष (बारहमुखी सूर्य रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- कन्या राशि (Virgo): कन्या राशि के जातकों के लिए छहमुखी रूद्राक्ष (छहमुखी कार्तिकेय रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- तुला राशि (Libra): तुला राशि के जातकों के लिए त्रयोदशमुखी रूद्राक्ष (त्रयोदशमुखी दुर्गा रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- वृश्चिक राशि (Scorpio): वृश्चिक राशि के जातकों के लिए चतुर्दशमुखी रूद्राक्ष (चतुर्दशमुखी गणेश रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- धनु राशि (Sagittarius): धनु राशि के जातकों के लिए पंद्रहमुखी रूद्राक्ष (पंद्रहमुखी शिवराम रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- मकर राशि (Capricorn): मकर राशि के जातकों के लिए षोडशमुखी रूद्राक्ष (षोडशमुखी महालक्ष्मी रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- कुंभ राशि (Aquarius): कुंभ राशि के जातकों के लिए सप्तदशमुखी रूद्राक्ष (सप्तदशमुखी कमल रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
- मीन राशि (Pisces): मीन राशि के जातकों के लिए अठारहमुखी रूद्राक्ष (अठारहमुखी गौरीशंकर रूद्राक्ष) फायदेमंद माना जाता है।
यदि आपकी राशि इस सूची में नहीं है या आप अपनी राशि को निश्चित करना चाहते हैं, तो एक वैदिक ज्योतिषी या पंडित से संपर्क करके सलाह लेना सर्वोत्तम होगा। वे आपको सही रूद्राक्ष का सुझाव देंगे जो आपकी राशि के अनुरूप होगा।
Disclaimer :
यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और Sanatan Pragati किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।
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